Sitaare Zameen Par Review :"दिल को झु जायेगी कुछ बातें!"
सितारे ज़मीन पर – एक दिल छू लेने वाली फिल्म की समीक्षा
परिचय
20 जून 2025 को रिलीज़ हुई फिल्म 'सितारे ज़मीन पर' भारतीय सिनेमा में एक नया मुकाम स्थापित करती है। यह फिल्म आमिर खान द्वारा निर्मित और आर. एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित है। 'सितारे ज़मीन पर' स्पेनिश फिल्म 'Champions' का आधिकारिक हिंदी रीमेक है, जो मानसिक स्वास्थ्य और समावेशन जैसे सामाजिक मुद्दों को बड़े संवेदनशील और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करती है।
कहानी का सार
फिल्म की कहानी एक निलंबित बास्केटबॉल कोच (आमिर खान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे सामुदायिक सेवा के तौर पर मानसिक रूप से विकलांग खिलाड़ियों की एक टीम को तैयार करने का जिम्मा सौंपा जाता है। शुरू में यह चुनौती उसे बड़ी मुश्किल लगती है, लेकिन धीरे-धीरे वह खिलाड़ियों की छुपी हुई प्रतिभा और आत्मविश्वास को समझता है। यह फिल्म आशा, समर्पण और इंसानियत की कहानी है, जो यह दिखाती है कि सही दिशा और समर्थन से हर व्यक्ति अपनी क्षमताओं को पूरा कर सकता है।
अभिनय और निर्देशन
आमिर खान ने अपने किरदार में गहराई और ईमानदारी से जान फूँक दी है। उनका अभिनय सहज और दिल को छू लेने वाला है, जो फिल्म की भावनाओं को पूरी ताकत से दर्शकों तक पहुँचाता है। जिनेलिया देशमुख ने भी अपने रोल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जो कहानी को मजबूती प्रदान करता है।
निर्देशक आर. एस. प्रसन्ना ने फिल्म को बहुत ही संवेदनशीलता और संतुलन के साथ प्रस्तुत किया है। उनकी यह फिल्म दर्शकों को न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है।
संगीत और तकनीकी पक्ष
शंकर–एहसान–लॉय द्वारा रचित संगीत फिल्म की भावनाओं के अनुरूप है और कहानी को गहराई देता है। संगीत के साथ बैकग्राउंड स्कोर भी फिल्म की लय को बनाए रखता है। सिनेमैटोग्राफी और संपादन भी कहानी के मूड के अनुसार बखूबी मेल खाते हैं।
फिल्म की विशेषताएं
सामाजिक संदेश: मानसिक स्वास्थ्य और समावेशन पर प्रकाश डालती है।
प्रेरणादायक: कमजोर वर्गों के लिए उम्मीद जगाती है।
भावनात्मक गहराई: दर्शकों को भावुक और सोचने पर मजबूर करती है।
कमियां
फिल्म की गति कुछ जगहों पर थोड़ी धीमी लग सकती है, जिससे दर्शकों को धैर्य रखना पड़ सकता है। कहानी में कुछ क्लिचेज भी नजर आते हैं, लेकिन ये फिल्म की मूल भावना को कमजोर नहीं कर पाते।
निष्कर्ष
'सितारे ज़मीन पर' एक ऐसा फिल्म अनुभव है जो दिल को छू जाता है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है बल्कि सामाजिक समझ को भी बढ़ाती है। यह उन सभी के लिए जरूर देखनी चाहिए जो संवेदनशील और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों में रुचि रखते हैं।
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